नमस्कार दोस्तो आप सभीका हमारे लेख मे स्वागत है हम आपके लिए हररोज नई जानकारी लेके आते रहते है हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसके अंदर 75% प्रतिषद किसान खेती करते है इसमें कही किसान फ्लावर,धान,कठोल और बागयत जैसी खेती करते है
आज हम हमारे लेख के अंदर किसान को एक बहेतारिन खेती का आइडिया देने जा रहे है जिसके अंदर सरग्वा की खेती इसे सहजन की खेती बोलते है सरग्वा (सहजन) हमारे शारीर के लिए बहोत फायदा करक रहेता है इसके अंदर प्रोटीन विटामिन फायबर जैसा पोषकतत्व भरपूर मात्रा मे होता है तो हमने आपको इस लेख मे बताया है कि आप सरग्वा(सहजन) की खेती किस तरह से कर सकते हो इस लेख को पूरा पढ़े
सहजन की खेती से फायदे
- सहजन के पौधों की एक विशेषता यह है कि वे चार साल तक उपज देते हैं जब वे एक बार बोए जाते हैं। इसके पौधों को अधिक जमीन की जरूरत नहीं है; आप इसे घर के बगल में भी लगा सकते हैं। इसके पेड़ को बहुत अधिक रखरखाव और पानी की आवश्यकता नहीं होती।
- सहजन बहुमूल्य पौधा हैं। पौधे के सभी भागों को खाना बनाने, दवा बनाने और औद्योगिक कार्यों में उपयोग किया जाता है । सहजन में बहुत से पोषक तत्व और विटामिन हैं। एक अध्ययन ने पाया कि इसमें संतरा की तुलना में सात गुणा विटामिन सी और दूध की तुलना में चार गुणा पोटाशियम है ।
- सहजन के फूल, फल और पत्तियां खाए जाते हैं। आयुर्वेदिक उपचार सहजन की जड़, पत्ती, बीज, गोंद और छाल से बनाया जाता है।, जो लगभग ३०० बीमारियों का इलाज करता है।
- भारत में कई आयुर्वेदिक कंपनियां व्यवसायिक रूप से “संजीवन हर्बल” (पाउडर, कैप्सूल, तेल बीज आदि) बनाकर विदेशों में निर्यात कर रहे हैं।
- दियारा क्षेत्र में सहजन के नए प्रभेदों की खेती को बढ़ावा देने से किसानों को न सिर्फ स्थानीय और दूर-दराज के बाजारों में सब्जी के रूप में सालों भर बिक्री कर आमदनी मिल सकती है, बल्कि इसके औद्योगिक और औषधीय गुणों पर विचार करते हुए एक स्थायी दीर्घकालीन आमदनी का विचार भी विकसित किया जा सकता है।
- सहजन बिना किसी विशेष देखभाल और बिना किसी अतिरिक्त खर्च के लाभदायक फसल हैं। किसान भाई अपने घरों के आसपास खाली जमीन पर सहजन के कुछ पौधे लगा सकते हैं. ये पौधे उन्हें घर के खाने के लिए सब्जी दे सकते हैं और वे इसे बेचकर भी पैसे कमाएंगे।
- कुल मिलाकर, इसकी खेती बहुत आसान और फायदेमंद है। इसलिए सहजन की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। यह फसल बहुत कम लागत में बुवाई करके काफी अधिक पैसा कमाया जा सकता है।
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सहजन की खेती के लिए मिट्टी
सहजन(सरग्वा) की खेती आमतोर पर सभी प्रकार की मिट्टी के अंदर कर सकते है भारत देश के ज्यादा इलाखो मे आप इसकी खेती कर सकते हो खेत की मिट्टी काली पिली लाल भुखरी रेतली सभी प्रकार की मिट्टी के अंदर आप खेती कर सकते हो लेकिन आप जिस खेत मे सहजन(सरग्वा) की खेती करते हो तो उस खेत की मान ph मात्रा 5 से 7.5 होनी चाहिये ये ph मात्रा खेती के लिए उत्तम माना जाता है
सहजन की खेती के उन्नत किस्मे की जानकारी
वर्तमान में उपलब्ध उन्नत किस्में पी.के.एम.1, पी.के.एम.2, कोयंबटूर 1 और कोयंबटूर 2 सहजन की फसल को वर्ष में दो बार प्राप्त करने के लिए हैं।
इन किस्मो में पौधे चार से छह मीटर ऊंचे होते हैं और ९० से १०० दिनों में फूल देने लगते हैं। विभिन्न परिस्थितियों में, आवश्यकतानुसार इसकी तुड़ाई की जा सकती है।
इस किस्म के पौधों से चार से पांच वर्ष तक फसल मिल सकती है। फसल पूरी होने के बाद पौधों को हर साल एक मीटर की ऊंचाई से काटना चाहिए।
खेती के लिए जलवायु और तापमान
सहजन (सरग्वा) के पौधे दोनों शुष्क और उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। 25 से 30 डिग्री के औसत तापमान इसकी खेती के लिए सही हैं। यह इस तापमान पर अपने पौधे से बेहतर विकसित होता है। यह ठंड को आसानी से सहन करता है, लेकिन ठंड में गिरने वाला पाला पौधों को खराब करता है। तापमान 40 डिग्री से अधिक होने पर इसके पौधों में फूल आने पर फूल झड़ने का खतरा बना रहता है। इसके पौधों पर कम या अधिक वर्षा का कोई बुरा असर नहीं होता। यह सम्पंन प्रकार का पौधा है, जो कई अलग-अलग परिस्थितियों में उगता है।
सहजन की खेत मे खड्डे तैयार करना
सहजन की रोपाई से पहले खेत में हल चलाकर एक से दो इंच गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें। इसके बाद पाटा से जमीन को समतल करो। 45 x 45 x 45 सेंमी. तक गहरे गड्डों को 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर तैयार खेत में बनाएं। 10 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद को मिट्टी के साथ तैयार गड्डों में डालें। पौधों की रोपाई के लिए खेत पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं।
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सहजन (सरग्वा) की बीज बुआई
सहजन के बीजों को खेत में पहले से बनाए गए गड्ढे में सीधे रोपा जा सकता है। या फिर पौधों को रोपने से पहले बीजों से नर्सरी में तैयार करके इन तैयार गड्ढ़ों में रोप सकते हैं। एक हेक्टेयर में खेती करने के लिए पांच सौ ग्राम सहजन के बीज पर्याप्त हैं। नर्सरी में सहजन पौध बनाने के लिए पॉलीथिन बैग प्रयोग करें। इस पॉलीथिन बैग में एक या दो सहजन के बीज डालें। 10 से 15 दिनों में बीज अंकुरित होते हैं। सहजन के पौधे लगभग एक महीने में एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई पर पहुंच जाते हैं. इसके बाद, इन पौधों को तैयार गड्डों में लगाया जा सकता है।
सहजन(सरग्वा) के पौधे को खेत मे कैसे लगाए
नर्सरी में सहजन के पौध एक महीने में लगाने योग्य हो जाते हैं। जुलाई से सितंबर तक एक महीने के तैयार पौध को पहले से तैयार किए गए गड्ढों में रोपना चाहिए। रोपाई के बाद, जब पौध लगभग 75 सेंमी. का हो जाता है, उसके ऊपरी हिस्से को काट दें, ताकि बगल से शाखाएं आसानी से निकाल सकें। रोपनी के तीन महीने के बाद एक गड्ढा में सौ ग्राम यूरिया, सौ ग्राम सुपर फास्फेट और पांच सौ ग्राम पोटाश डालें. फिर तीन महीने बाद दो बार 100 ग्राम यूरिया डालें। सहजन पर किए गए अध्ययन से पता चला कि प्रति गड्ढा 15 किलोग्राम गोबर की खाद और 5 किलोग्राम एजोसपिरिलम और पीएसबी से जैविक सहजन को बिना किसी नुकसान के बोया जा सकता है।
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सहजन(सरग्वा) की खेती मे उत्पादन और कमाई
सहजन की खेती बहुत अधिक मुनाफा देती है। क्योंकि सहजन के फूल, पत्तियां और फल बाजार में बिकते हैं, इसलिए आप इन तीनों को बेचकर पैसा कमाएंगे। तीनों चीजों के लिए भी काफी मांग है। सहजन की किस्म वर्ष में दो बार फल देती है: फरवरी से मार्च और सितंबर से अक्टूबर। सहजन की तुड़ाई मात्रा और बाजार के अनुसार एक से दो महीने तक चलती है। सहजन के फल में रेशा आने से पहले ही तुड़ाई करने से बाजार में मांग बनी रहती है और इससे अधिक लाभ भी मिलता है। साल में प्रत्येक पौधे से लगभग ४० से ५० किलोग्राम सहजन मिलता है। यदि आप इसे एक एकड़ की जमीन पर भी लगाते हैं, तो आप आसानी से हर साल 6 लाख रुपये तक कमाई कर सकते हैं। सहजन की खेती से लेकर इसे बेचने तक के पूरे कार्य के लिए आपको केवल पच्चीस से छह सौ रूपये खर्च आएंगे। सहजन की खेती करने से आप कम पैसों में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सारंश
दोस्तों हमने इस लेख के अंदर बताया है की आप सहजन की खेती कैसे करे और उसके द्वारा होने वाला मुनाफा और क्या देखभाल रखना चाइये वो सब जानकारी दे रखी है तो आप इस लेख को ध्यान से पढ़े और आपने दोस्तों को जरुर शेर करे
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