जीवामृत क्या है? जीवामृत बनाने की विधि उसके फायदे और उपयोग

जीवामृत क्या है ? जीवामृत बनाने की विधि उसके फायदे और उपयोग

जीवामृत क्या है ? जीवामृत बनाने की विधि उसके फायदे और उपयोग:-  नामस्कार आप सभीका हमारे ये लेख में स्वागत है हम आपके लिए हररोज नई जानकारी लेके आते रहते है आज हम आपके लिए जीवामृत के बारे मे जानकारी देगे आपको जीवामृत एक जैविक फर्टिलाइजर है जिसका उपयोग जो किसान जैविक खेती करते है और जो किसान हायड्रोफोनिक खेती करते है वो किसान  जीवामृत का उपयोग करते है हम ने आपको इस लेख में बताया है  की जीवामृत कैसे बनता है उसके लाभ क्या है और उसके बारे में कही जानकारी दी है तो आप इस लेख को ध्यान से पढ़े

जीवामृत क्या है ? जीवामृत बनाने की विधि उसके फायदे और उपयोग

जीवामृत क्या है ? (What is Jeevamrit?)

जीवामृत का एक जैवीक बायो फर्टिलाइजर है जिसको भारत में पारंपरिक तरीको से बनाया जाता है और  जो किसान उपयोग करते है जो हाय्द्रोफोनिक या फिर जैविक खेती करते है उन किसान जीवामृत का उपयोग करते है जीवामृत बनाने गाय का गोबर,गौ मूत्र,,गुड,बेसन का आटा मिट्टी वो सब मिलाके बनाया जाता है  जीवामृत को नाइट्रोजन फोस्फारस पोटेशियम मैग्नेशियम कार्बन और फसल के लिए अन्य पोषक जैसे अधिक तत्वों का एक उत्कर्ष स्त्रोत माना जाता है जीवामृत महंगे खाद के सामने बहोत सस्ता है और उसके साथ साथ फसल और आपनी जमीन की मिट्टी के लिए बहोत बढ़िया होता है  और जीवामृत का उपयोग करने से दूसरी दवाई में कम लागत आती है

जीवामृत के प्रकार (types of jeevamrut)

आधिकतर हम प्रवाहि जीवामृत का उपयोग करते है और उसके साथ साथ कही किसान घन जीवामृत का उपयोग करते है लेकिन उसके हिसाब से जीवा अमृत के तिन प्रकार पड़ते है 1 प्रवाहि जीवामृत  2  अर्ध प्रवाहि जीवामृत  3 घन जीवामृत ये तिन प्रकार पड़ते है उसके बारे मे जानकारी निचे दी है

प्रवाहि जीवामृत

प्रवाहि जीवामृत  बनाने के लिए गाय का घोबर,देशी घुड,बेसन का आटा,पानी,उबरक मिट्टी इन चीजो को मिक्स कर के बनया जाता है इसका जानकारी निचे दी है

अर्ध प्रवाहि जीवामृत

आप पशुपालन करते है और आप आपके पास बहोत मात्रा मे गाय का गोबर है तो आप अर्ध प्रवाही जीवामृत बना सकते हो आपको आर्ध प्रवाहि जीवामृत बनाने के लिए 50 से 55 किलोग्राम गोबर ले और उसके अंदर आधा किलो बेसन का आटा डाले आधा किलो देशी घुड और 1.5 से 2 लीटर जितना गौ मूत्र डाले और थोडा पानी और उबरक मिट्टी डालके एक घोल बनाले इस घोल को धुप में सुकाए सुकने के बाद इस घोल का स्पिन्क्लर से दे रखे जाब इस घोल के ऊपर पानी गिरता है तो इसके ज़रिये फसल और जमीन की मिट्टी को बहोत फायदा होता है

घन जीवामृत

आपको घन जीवामृत को बनाने के लिए आपके पास 50kg गाय का घोबर होना चाइये उसके उसके बाद आपके पास जो गोबर है उसको आप एक खेत में फेला दो उसके बाद आपको उसके अंदर 6 से 7 लीटर प्रवाहि जीवामृत डालना है उसके बाद उसको ठिकसे मिक्स करना है और गोबर को एख्ठा करके उसका ढग बनाले  उसके बाद उसको बोरी से ढक कर रख दो तो दो दिन के अंदर किनपन स्टार्ट हो जाए उसके बाद इसे किसी पन्नी के ऊपर फेलादो और धूप या छाव के अंदर सुका ले उसके बाद किसी  बोरी मे या कही जगह में स्टोर करके 5 से 6 महीनो तक रख सकते है घन जीवामृत का उपयोग बुआई के समय या फिर खाद की जगह कर ना बहोत लाभ दायक होते है

जीवामृत बनाने के लिए सामग्री (Ingredients for making Jeevamrut)

(200 लीटर जीवामृत बनाने के लिए )

  • देशी गाय का गोबर – 20 से 30 kg
  • देशी गुड – 2 
  • गौ मूत्र – 10 से 20 लीटर
  • उबरकर मिट्टी उसके प्रमाण के आधार से 5 से 10 kg
  • बेसन आटा – 2kg

जीवामृत बनाने  की  विधि (How to make Jeevamrut)

(200 लीटर जीवामृत बनाने के लिए )

 

आपको सबसे पहले 200 जीवामृत आये उतना बड़ा टंकी (बरेल) लेना है 

उसके अंदर सबसे पहले आपको 20 से 30 kg देशी गाय का गोबर दाल के थोडा पानी डालके गोल बनाले 

उसके बाद आप 10 से 20 लीटर देसी गाय का गौ मूत्र डाले और मिलाये 

एक अलग पात्र मे 2 kg गुड को पानी के साथ मिलकर गोल बनाके उसको बरेल मे मिलाये 

उसके बाद आप उबरक मिट्टी यानी (वड के पेड़ के निचे की मिट्टी) का गोल बनाकर डाले

अब 2 kg बेसन आटा का गोल बना कर उसके अंदर डाले जिसकी मदद से आथा (फर्मंस्टेशन) की प्रकिया होती है और जीवामृत के सभी सामग्री सहिसे मिल जाती है 

अब बाकी का पानी मिलकर हिला ये 

उसके बाद आप उस टंकी को कपडे से ढक दो और इस टंकी को छाव मे रख दो

अब इस गोल को सुबह और श्याम दोनों टाइम 10 से 20 मिनिट किसी लकड़े की सहाय से इसे हिलाए 

अब आपका जीवामृत 3 या 4 दिन में बनकर तैयार हो जाएगा

जीवामृत का उपयोग कैसे करे (how to use jeevamrit)

जीवामृत का उपयोग एक जैविक खाद के साथ साथ किट नाशक की तरह से भी किया जा सकता है 

जीवामृत का उपयोग आप 20 लीटर पानी के अंदर आप 2 लीटर जीवामृत मिला कर आप स्प्रे भी कर सकते हो या फिर आप अपनी फसल के पौधे के पास में 4 से 5 दिनकी दूरी पे डाल सकते हो 

अगर आप घन जीवामृत का उपयोग करते हो तो आप डायरेक्ट भी कर सकते हो और उसके आलावा आप वर्मी कम्पोस्ट खाद कि तरह पावडर बानाके भी उपयोग कर सकते हो

जीवामृत के फायदे  (Benefits of Jeevamrut)

अपने खेत मे जीवामृत का उपयोग करते है तो वो रासायनिक खाद के मुताबित बहोत कम दाम में बनता है तो आपनी फसल में कम लागत लगती है 

जीवामृत फसल में नाइट्रोजन ,कार्बन,मैग्नेशियम,पोटेशियम,फोस्फरस जैसे कही तत्वों बहोत बढ़िया तरीके से देता है इसके लिए ये फायदेमंद है 

ये  जीवामृत  जमीन की  बरकाऊ जमीन इसका लगातार उपयोग करने से फलद्रुप बनता है 

अगर हम इसे किट नाशक के तोरपर काम करे तो कम या फीर ज्यादा हो जाने की वजह से कोई नुक्सान नहीं होता अगर रासायनिक किट नाशक नुक्सान पोहचता है 

अगर हम जीवामृत  का उपयोग कर के हम खेती करने लगे तो हमारा स्वास्थय सुधरेगा और कही बिमारी यो से बच पायेगे 

जीवामृत का लगातर उपयोग कार ने से हमारे खेत की मिट्टी मे बहोत सुधार ला सकते है 

जीवामृत  का उपयोग गार्डन मे कैसे करे (How to use Jeevamrut in the garden)

अगर आप  जीवामृत का उपयोग गार्डन में करना चाहते हो तो आपको अपने पौधे के ऊपर 1 लीटर पानी में 100 ml जीवामृत  मिलाके स्प्रे कर सकते हो आप इसके साथ साथ आपको खट्टी छाश का उपयोग भी करना चाइये जिसको आप दिन में दोनों टाइम उपयोग कर सकते हो आगर उसके आलावा आप आपने गमले मे गन जीवामृत को मिट्टी के साथ मिलाकर या फिर उस आके ले को भी पौधा उगाने के लियर कार सकते हो

सारांश-Summary

हमने आपको इस लेख के अंदर बताया है की जीवामृत  क्या है ? जीवामृत बनाने की विधि उसके फायदे और उपयोग तो आप इस लेख को जरुर पढ़े और आपने दुसरे किसान के साथ जरुर शेर करे

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