cotton farmingkaise kare:कपास की खेती कैसे करे,लाखो की कमाई करे

cotton farmingkaise kare:कपास की खेती कैसे करे

नमस्कार आप सभी का हमारे नये ब्लॉग में स्वागत है आज हम आपको कपास की खेती(cotton farming) के बारेमे बात करेगे भारत एक कृषि प्रधान देश है इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग किसान व्यवसाय के साथ जुड़े हुए है हर कोई किसान कपास की केती(cotton farming) करता होता है कपास की फसल की खेती कर के किसान लोग ज्यादा मुनाफा लेते है और किसानो की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार देखने को मिलता है लेकिन कही किसानो को पता नहीं होता है की कपास की खेती कैसे करते है उसकी वजह से सारी महेनत पानी मे जाती है कपास की केती(cotton farming)को सफ़ेद सोना बोलते है कपास के बिज का उपयोग तेल बनाने मे और उसका रेशे का उपयोग कपडे बनाने में लगते है कपास की खेती हमारे देश मे ही नहीं लेकिन पुरे विश्व में भी होती है कपास के बिज के अंदर 15से20 प्रतीषद तेल की मात्र रहेती है कपास का उपयोग कही तरीको से किया जाता है कपास का बोया का उपयोग उसका तेल निकाल ने के लिए उपयोग किया जाता है और उसके रेशा का उपयोग कपडे बनाने के लिए किया जाता है कपास की खेती हमारे देश में गुजरात,राजस्थान,तेलंगाना,हरियाणा,कर्नाटक,मध्यप्रदेश,उसके आलावा कही राज्य में कपास की केती(cotton farming) खेती होती है

cotton farmingkaise kare:कपास की खेती कैसे करे

Table of Contents

कपास की केती कैसे करे(cotton farming kaise kare)

कपास की खेती में मुनाफा बहोत है किसान लोग ये खेती करके कपास को बजार में बेचकर बहोत मुनाफा कर रहे है लेकिन ये कपास की खेती करने मे आपको महेनत बहोत लगती है कपास की खेती में आपको समय पर ध्यान न रखने पर रोग लागू पड जाता है हमारे देश में 75%किसान कपास की खेती करते है

कपास मे बि.टी और नॉन बि.टी बिज क्या है(What is Bt and Non Bt Seed in Cotton)

कपास की केती(cotton farming) मे बि.टीऔर नॉन बिटी में दोनों वेरायटी आती है नॉन बिटी के बिज के पौधे पर जो माखी या कीटक अटेक करता है और पौधे और पाक दोनों को नुकशान पोहचता है वो कीटक और माखी बिटी बिज के पौधे पर अटेक नहीं कर सकती है और पाक को नुकशान नहीं पंहुचा सकती ये फर्क होता है बिटी और नॉन बिटी मे पहले कपास के बिज के पेकेट के अन्दर नॉन बिटी कपास के बिज अलग से आते थे लेकिन किसान वो बिज लगाते नहीं थे उसके लिए अब वो बिज भी बिटी के साथ मिक्स आने लगे है की किसान वो बिज भी लगाए

कपास की खेती मे बि.टी किसमे (BT in cotton cultivation)

कपास की खेती मे बि.टी कपास की किसमे निकल चुकी है जिसमे हमने आपको बीटी कपास की किसमे बताये है

राशी-659ब्रम्हा
विक्रम-5मल्लिका
मनीमेकर4g
जयजेटाक

हमने यहा पर आपको जानकारी के लिए बीटी कपास की बीज के नाम बताए है आप अपने विस्तार के अनुसार या अपने नजदीक किसान केंद्र से माहिती ले उसके बाद उपयोग करे

कपास की खेती के लिए जमीन और जलवायु कैसा होना चाइये(What should be the land and climate for cotton cultivation)

कपास की केती(cotton farming) करने के लिए आपको जो तापमान होना चाइये वो न्यूनतम 15 से 21 डिग्री सेल्सियस  होना चाइये और आधिकतम तापमान 32 से 36 डिग्री सेल्सियस होना चाइये अगर कपास की खेती की जमीन की बात करे तो उसका ph माप 5 से 6.5 ph होना चाइये ये जमीन और तापमान बहोत बढ़िया माना जाता है उसके आलावा जो काली मिट्टी होती है वो उसके लिए बहोत ज्यादा उपयोगी माना जाता है

यह भी पढेप्रधानमंत्री आवास योजना लिस्ट जारी आपना नाम कैसे देखे

कपास की खेती के लिए भूमि तैयार करे(Prepare land for cotton cultivation)

कपास की केती(cotton farming) करने के लिए आपको सबसे पहले आपको गहराई में चलने वाली हल (पलाऊ कटर  )से आपनी जमीन की पहली जुताई कर लेनी है और उसके बाद कल्टीवेटर के दाते लगवाके जमीन को समतल कर लेनी है और उसके बाद 1 एकड पे 3 से 4 ट्रोली पकी हुई गोबर को बिछाकर रोटावेटर से जमिन को समतल बनाले आब आपका खेत / भूमि कपास की खेति करने के लिए तैयार है 

कपास की खेती करने का समय(Cotton cultivation time)

कपास की केती(cotton farming) को समय पर करना बहोत महत्व पूर्ण है क्योंकि अगर कपासकी खेती समय पर न करे तो कपास का बिज कितना भी महंगा हो और आपकी जमीन कितनी भी पोषक युक्त हो फिर भी उत्पादन मिलता है नहीं अगर आपके पास जरुरत के हिसाब से पानी है तो कपास की खेती करने का आती महत्व पूर्ण समय है वो अप्रैल से  मई महिना है ये समय में कपास की फसल उगा सकते होअगर आपके पास पानी न हो तो आप बारिश आने के बाद ही आप कपास की खेती कर सकते हो 

कपास की बुआई एवं दुरी(Cotton sowing and distance)

कपास की केती(cotton farming) कपास की बाई कही जगह मशीन की मदद से होती है उसमे मसिंके अन्दर सीड्स रेट आप जितना चाहो उतनी डालसकते हो पहले कपास की बुआई हाथ से होती थी अगर जहा लेट बुआई होती है वहा खाडियो के ऊपर खडोके ऊपर बेडके ऊपर बुआई होती है अगर आप ड्रिल की मदद से भी कर सकते हो 1 एकड की बिज की मात्रा आपको 1से 1.5 किलो आप लगा सकते हो कपास के बिज की दुरी की बात करे तो जहा पर पानी रुकता नहीं है और पौधे का बहोत विकास नहीं होता वहा पे आप 26इंच x 24इंच की दुरी पर आप लगा सकते हो अगर आपकी जमीन बहोत बढ़िया है वहा पौधा बहोत ज्यादा विकार करता है और बारिश में बहोत तेजी से ग्रोथ होता है वहा 42इंच X 36इंच की दुरी पर लगाते है और कई किसान इसे भी ज्यादा दुरी पर लगाते है

यह भी पढे – pm kisan ,कब आयेंगे 14वी किस्त के पैसे

कपास की खेती में सिंचाई(Irrigation in cotton cultivation)

कपास की केती(cotton farming) की खेती में सिंचाई बहोत जरुरी हो जाता है अगर आपके कपास की बुआई बहोत आर्ली यानी की पहले हो रही है तो आप खेत में दो बार पानी दो जिसकी वजह से जमीन मे पानी उंडे तक उत्तर जाए और पौधे को रूट का विकास होना है वो बढ़िया होता है और फसल को पहला पानी देने का टाइम बढ़ जाता है कपास की खेती को पहला और दूसरा पानी टाइम पर देना जरूरी है वारना सूखापन की वजह से फ्रुटिंग देना शुरू करता है अगर आप ज्यादा पानी दोगे तो आपकी फसल फ्रुटिंग लेट दे सकती है आपके वहा बारिश की सीजन है और 10 दिन में एक बार बारिश हो रही है तो आपको पानी देने की जरूरत नही पड़ेगी क्योकि कपास की खेती को कम पानी की जरूरत होती है

कपास की खेती में निंदाई और खपतवार(Classes and consumption in cotton cultivation)

कपास की केती(cotton farming) में खपतनियंत्रण बहोत जरूरी बन जाता है क्यों कि अनेक प्रकार का खपत निकल कर आ जाता है उसमें जिसमे कही प्रकार का कीटक जन्म लेते है और अपने पाक को नुकसान पहुचाता होता है इसकी लिए कपास की खेती में खपतवार जरूरी हो जाता है

कपास की खेती मे समय-समय पर निदाई करके खपत को दूर करना चाइये कपास की खेती मे आपको निदाई गुड़ाई करता रहना चाइये इसके लिए आपको 20 से 30 दिनों के अंदर आपको कपास कि खेती निंदाई शुरू कर देनी चाइये

कपास की खेतीमे लगने वाले रोग और कीटक(Diseases and pests in cotton cultivation)

कपास की खेती में अनेक प्रकार के रोग एवं कीटक लगते है जिसमे कपास का मुख्य कीटक गुलाबी किट है कपास की सुंडी ,तंबाकू की सुंडी, कपास की सफेद मखी हरा फुदका और थिप्स जैसे किट लगते है

इस कीट का समय-समय पर नियंत्रण न रखे तो इसका प्रभाव हमारे फसल पर पड़ता है इस कीटक हमारे फसल नुकसान पोहचाती है और उसके किट के अलावा अन्य रोग का भी हमारे फसल पर प्रकोप बना रहता है कपास के मुख्य रोग कोणीय धब्बा एवं जीवाणु रोग उसके अलावा कपास की कई रोग आती है जिसमे कपास में धब्बे पड़ने चिदरे पड़ने और पिंक कीटक की से कपास में टिंडे में पिंक कीटक पड़ना लिफ़क़र्ल वायरस आना उसके अलावा कई रोग कपास में आते है और हमारे खेत मे सही समय पर नियंत्रण न करे तो पूरे खेत को साफ कर देते है सही देख भाल करके हम इन रोगो से हमारे खेत मे इसके लक्षण दिखते ही रोक लगाने का इंतजाम करना चाइये

यह भी पढ़े –Ayushman bharat Card Download,आयुष्मान भारत कार्ड 2023 ऑनलाइन आवेदन

कपास की तुड़ाई(cotton picking)

कपास की तुड़ाई  सितंबर से अक्टूम्बर मास मे शुरू कर देनी चाइये क्योकि उस समय मे 40 से 60 प्रतिषद उसकी टिंडे फुटकर कपास के रेशे के फूल निकल जाता है और बारिश के समय मे नीचे गिरकर बिगड़ते है उसके लिए कपास की तुड़ाई करना जरूरी है

कपास की खेती मे उत्पादन(production in cotton cultivation)

कपास की उतपादन की बात करे तो उत्पादन कपास की किसमे, मिट्टीऔर वह का ग्रोथ देखभाल कैसे की है उसपर निर्भर करता है आप बीटी कपास की उपज की बात करे तो 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टर उपज होती है जो उपज उसके किसमे पर पूरे पूरी निर्भर करता है

सारांश :- किसान मित्रो आपको हमारा ये लेख आपको पसंद आया होगा इस लेख मे कपास की खेती कैसे होती उसकी जानकारी दी आपको पसंद आई होगी ये लेख लिखने का मकसद सिर्फ आपको जानकारी देनी थी

महत्व पूर्ण लिंक

अधिक जानकारी के लिए हमसे जुड़े

Whatsaapclick here
Telegrsmclick here

FAQ:-

कपास कौन से महीने में लगाना चाहिए?

अगर आप भी कपास की केती(cotton farming) करते हो तो आपके पास जितना जरुर है उतना पानी है तो आप मई महीने में कपास की बुआई कर सकते हो

कपास की फसल कितने दिन में होती है?

कपास की केती(cotton farming)में आप के बिज पर निर्भर करता है जिसमे लेट वेरायटी ज्यादा समय लेती है और आम बात पर कपास की समय 5 से 6 महीनो तक रहेता है और दिनकी बात करे तो 200 से260 दिन तक रहेता है

कपास में कौन कौन सी खाद डालना चाहिए?

कपास की केती(cotton farming) को फसल आने के टाइम पोटेशियम और नाईट्रोजन की बहोत जरुर होती है इसके लिए npk (13:0:45) को प्रति एकड में 2 किलोग्राम के हिसाब से 15दिनों पर देना चाइये

कपास कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?

कपास के बिज की दुरी की बात करे तो जहा पर पानी रुकता नहीं है और पौधे का बहोत विकास नहीं होता वहा पे आप 26इंच x 24इंच की दुरी पर आप लगा सकते हो अगर आपकी जमीन बहोत बढ़िया है वहा पौधा बहोत ज्यादा विकार करता है और बारिश में बहोत तेजी से ग्रोथ होता है वहा 42इंच X 36इंच की दुरी पर लगाते है और कई किसान इसे भी ज्यादा दुरी पर लगाते है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *