सहजन की खेती एक व्यापारिक और लाभकारी विकल्प हो सकती है।

सहजन पौधों की विशेषता है कि वे चार साल तक उपज देते हैं और इसके लिए अधिक जमीन या पानी की आवश्यकता नहीं होती।

सहजन का पौधा बहुमूल्य है और इसके सभी भागों को खाना बनाने, दवा बनाने और औद्योगिक कामों में उपयोग किया जाता है।

सहजन में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर आदि पोषकतत्व होते हैं और यह आयुर्वेदिक उपचार के रूप में भी उपयोग होता है।

सहजन के फूल, फल और पत्तियां खाए जाते हैं और आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका उपयोग होता है।

सहजन की खेती से किसान घर के पास खाली जगह में भी पौधे लगा सकते हैं और सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं, जिन्हें बेचकर उन्हें आमदनी मिल सकती है।

उन्नत किस्मों के पौधे के साथ, सहजन की खेती उचित तापमान और जलवायु में की जा सकती है।

सहजन की रोपाई से पहले खेत की तैयारी करनी चाहिए, जिसमें गड्ढे तैयार करना और मिट्टी की खाद डालना शामिल होते हैं।

सहजन के पौधों को बीजों से या तैयार पौधों से खेत में लगाया जा सकता है।

सहजन की खेती से आपको महसूस हो सकता है कि आप कम खर्च में अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं, और यह एक व्यापारिक या सामूहिक माध्यम हो सकता है जिससे आप आय कमा सकते हैं।